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Premature ejaculation


Premature ejaculation

शीघ्रपतन क्या है?
शीघ्रपतन, या प्रीमेचर इजैकुलेशन, एक यौन समस्या है जिसमें पुरुष यौन संबंध बनाने के दौरान अपने इच्छा के पूर्व वक्त से पहले वीर्य निकाल देता है। यह आमतौर पर युवकों में देखा जाता है लेकिन कुछ मामूली मामलों में यह उम्रदराज लोगों में भी हो सकता है। सामान्यतः इंटरकोर्स के दौरान ओर्गास्म से पहले ही सीमन का डिस्चार्ज हो जाना, यानी की वीर्य का स्खलन हो जाना ,शीघ्रपतन माना जाता है।

शीघ्रपतन के लक्षण:
इसका कोई मेडिकली मेजरमेंट नहीं किया गया है कि किस व्यक्ति में, कितनी अवधि के बाद , सीमन का डिस्चार्ज होना चाहिए। ये व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। इंटरकोर्स के पहले ही, थोड़े से भी सेक्शुअल एक्साइटमेंट के दौरान ही वीर्य का डिस्चार्ज हो जाना| जिन व्यक्तियों में "आई इ एल टी " ढ़ाई मिनट से कम होता है उन व्यक्तियों में ही,,,,,, शीघ्रपतन को एक समस्या या बिमारी के तौर पर देखा जाता है।

शीघ्रपतन के कारण:
1- साइकोलॉजिकल कारण
साइकोलॉजिकल कारण - शीघ्रपतन का सबसे मुख्य कारण माना जाता है। सामान्यता शीघ्रपतन की शिकायत उन लोगों में देखी जाती है, जो इंटरकोर्स , पहली बार , दूसरी बार कर रहे होते है । उन लोगों में एक्सपीरियंस की कमी के कारण शीघ्र पतन हो जाता है । यौन शोषण- जिनका सेक्शुअल हैरासमेंट हुआ होता है तो उन लोगों के मन में सेक्स के प्रति या सेक्शुअल इंटरकोर्स के प्रति एक गलत धारणा बन जाती है जिसके कारण भी उन लोगों में शीघ्रपतन की शिकायत देखने को मिलती है। शरीर के प्रति नकारात्मक छवि-बॉडी को लेकर अपने शरीर को लेकर, या अपने कॉम्प्लेक्शन को लेकर यानी की अपने रंग को लेकर, अपने आप से खुश नहीं होते। उनको ये लगता है कि उनके शरीर में कहीं ना कहीं कोई कमी है।इसके कारण वो अपनी एक निगेटिव इमेज अपने अंदर बना लेते है, अपने अंदर एक नकारात्मक छवि डेवलप कर लेते हैं और उसके कारण भी जब वो कभी सेक्शुअल इंटरकोर्स करते हैं, तब उस दौरान, उनमें शीघ्रपतन एक समस्या के रूप में बार बार देखने को मिलता है। डिप्रेशन -बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जो किसी न किसी मानसिक तनाव की स्थिति में रहते हैं तो कई बार मानसिक तनाव के कारण भी, वो सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान अपने माइंड को अपने दिमाग को स्थिर नहीं रख पाते हैं और उसके कारण शीघ्रपतन की समस्या देखने को मिलती हैं|

2- बायोलॉजिकल कारण
बायोलॉजिकल कारण में, किसी व्यक्ति के शरीर में होने वाला कोई हार्मोनल इम्बैलेंस या उसकी कोई बिमारी जैसे की डाइअबीटीज़ , हाइपर टेंशन उसको हो सकता है या कोई न्यूरेस्थेनिअ, उसके पेनिस में या उसका जो सेक्शुअल ऑर्गन है, उसमें कोई सीरियस न्यूरेस्थेनिअ डेवलप हो गया है, किसी बिमारी के कारण | इसके अलावा यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और कोई जेनेटिकल कारण भी हो सकता है।
हाइपर सेंसेटिविटी ऑफ़ पेनिस , यह एक आम समस्या है जो आपको हो सकती है | हाइपरसेंसेटिविटी, यानी की जो लिंग का आगे का भाग है, जो हमारे लिंग का हेड होता है, कई बार उसके आसपास बहुत ज्यादा सेंसिटिविटी रहने लगती है और सेक्शुअल ऐक्टिविटी के दौरान जब वो स्किन को पीछे करते हैं, तो वो काफी तिलमिला जाते हैं, बहुत ज्यादा घबराहट होती है या फिर उनको कुछ डिस्कम्फर्ट होता है , जिसकी वजह से वो प्रॉपर्ली अपनी इंटिमेसी को फॉलो नहीं कर पाते हैं और बहुत बार इसके वजह से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शिकार होते हैं।

3- डाईट्री कारण
डाइट :- आज के भागदौड़ भरे जीवन में बहुत सारे लोग हैं अनहेल्थी डाइट खाते हैं । बाजार का बहुत ज्यादा तला भोजन खाते हैं, उनके खाने में न्यूट्रिअन्ट्स की बहुत ज्यादा कमी होती है । इसके अलावा लोग अल्कोहल या शराब का भी बहुत ज्यादा सेवन करते हैं या फिर स्मोकिंग बहुत ज्यादा करते हैं,कारण से उनके शरीर में कमजोरी डेवलप होने लगती है, कमजोरी के कारण ,उन लोगों में प्रीमच्योर या शीघ्रपतन की समस्या डेवलप हो जाती है।

Medicines
एग्नस 200
कम उम्र से यानी 13 - 14 साल की उम्र से ही लोग हस्तमैथुन शुरू कर देते हैं और 25-30 वर्ष की उम्र तक उनका शरीर बिलकुल निस्तेज हो चुका होता है और उनके शरीर में बहुत ज्यादा वीकनेस डेवलप हो जाती है। उनके सेक्शुअल ऑर्गन बहुत ज्यादा रिलैक्स हो जाते है। बहुत ज्यादा सेक्शुअल डिज़ायर होने के बाद भी , उनके अंदर प्रॉपर इरेक्शन ऑफ पेनिस नहीं हो पाता। यानी की कड़कपन पूरी तरह नहीं आ पाता है, उस कंडीशन में दो- दो बूँद , दिन में तीन बार पेशेंट्स को देना चाहिए।

शीघ्रपतन का इलाज तथा बचाव:
1. सामान्यत: इस समस्या के समाधान के लिए कुछ सामान्य योगासन और व्यायाम किया जा सकता है।
2. चिकित्सा परामर्श: यदि समस्या गंभीर है, तो चिकित्सक से परामर्श लेना सबसे उत्तम हो सकता है। उनके सुझाव के अनुसार दवाइयाँ या अन्य उपायों का उपयोग किया जा सकता है।